ब्रोंकाइटिस होने पर किन चीजों से परहेज करनी चाहिए? क्यों होता है ब्रोंकाइटिस? (2023)

    ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) श्वासनली में होने वाली सूजनकारी बीमारी होती है। श्वासनली (Trachea) से फेफड़ों में वायु ले जाने वाली नलियों को श्वसनी (Bronchi) कहते है। इसमें ब्रोंकी की दीवारें इन्फेक्शन और सूजन की वजह से अनावश्यक रूप से कमजोर हो जाती है जिसकी वजह से इनका आकार गुब्बारे की तरह हो जाता है। इस सूजन के कारण सामान्य से अधिक बलगम बनता है साथ ही ये दीवारें इकट्ठा हुए बलगम को बाहर धकेलने में असमर्थ हो जाती है। इसके परिणामस्वरुप सांस की नलियों में गाढ़े बलगम का भयंकर जमाव हो जाता है जो नलियों में रूकावट पैदा कर देता है इस रूकावट की वजह से नलियों से जुड़ा हुआ फेफड़े का अंग बुरी तरह क्षतिग्रस्त व नष्ट होकर सिकुड़ जाता है या गुब्बारे नुमा होकर फूल जाता है। क्षतिग्रस्त भाग में स्थित फेफड़ा व श्वास नली अपना कार्य सुचारू रूप से नहीं कर पाते और मरीज के शरीर में तरह-तरह की जटिलताएँ पैदा हो जाती है।

    ब्रोंकाइटिस होने पर किन चीजों से परहेज करनी चाहिए? क्यों होता है ब्रोंकाइटिस? (1)

    Contents

    • 1 ब्रोंकाइटिस क्या होता है? (What is Bronchitis?)
    • 2 ब्रोंकाइटिस क्यों होता है? (Causes of Bronchitis)
    • 3 ब्रोंकाइटिस के लक्षण (Symptoms of Bronchitis)
    • 4 ब्रोंकाइटिस से बचने के उपाय (Prevention Tips for Bronchitis)
    • 5 ब्रोंकाइटिस के घरेलू उपचार (Home Remedies for Bronchitis)
      • 5.1 हल्दी ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद (Turmeric Beneficial for Bronchitis in Hindi)
      • 5.2 नमक के पानी से गरारा ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद (Salt Gargle Beneficial for Bronchitis in Hindi)
      • 5.3 हर्बल चाय ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद (Herbal Tea Beneficial for Bronchitis in Hindi)
      • 5.4 नीलगिरी तेल ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद (Eucalyptus Beneficial for Bronchitis in Hindi)
      • 5.5 तिल के बीज का मिश्रण ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद (Sesame Oil Mixture Beneficial for Bronchitis in Hindi)
    • 6 डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)

    ब्रोंकाइटिस क्या होता है? (What is Bronchitis?)

    अनुचित खान-पान, जीवनशैली अथवा कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के कारण संक्रमण की चपेट में आने से ब्रोंकाइटिस जैसी समस्या हो जाती है। यह श्वासनलियों में होने वाली सूजनकारी बीमारी है जिसमें तीनों दोष विकृत अवस्था में होकर रोग को उत्पन्न करते हैं। आयुर्वेद में ब्रोंकाइटिस को श्वसनी शोथ कहा गया है, इसमें मुख्यत पित्त दोष की वृद्धि देखी जाती है तथा वात एवं कफ दोष भी असंतुलित होते हैं।

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    ब्रोंकाइटिस क्यों होता है? (Causes of Bronchitis)

    ब्रोंकाइटिस सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं-

    एक्युट ब्रोंकाइटिस (Acute Bronchitis) (तीव्र)

    क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis) (दीर्घकालीन)

    एक्युट ब्रोंकाइटिस (Acute Bronchitis)- अल्पकालिक होती है जो कि विषाणु जनित रोग फ्लू या सर्दी जुकाम के होने के बाद विकसित होती है। इसके लक्षणों में बलगम के साथ सीने में बेचैनी या वेदना, बुखार और कभी-कभी साँस लेने में तकलीफ होती है।

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    क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic bronchitis)- कुछ हफ्तों से महीनों तक जारी रहती है। यह ज्यादा धूम्रपान करने के कारण होती है। एक्युट ब्रोंकाइटिस के बार-बार होने पर भी क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस की समस्या हो जाती है। क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस विशेष रूप से महीने के अधिक से अधिक दिनों, वर्ष में तीन महीने और लगातार दो वर्षो तक बलगम वाली खाँसी का जारी रहना, इसके लक्षणों में है।

    एक्युट ब्रोंकाइटिस (Acute bronchitis) एक अल्पकालिक बीमारी है जो संक्रमण या ठंड की वजह से होता है। जबकि क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस लंबी अवधि होती है और इसके परिणाम स्वरुप बीमारी बढ़ सकती है।

    एक्युट ब्रोंकाइटिस (Acute bronchitis) वैसे तो किसी भी उम्र के व्यक्ति में हो सकता है परंतु यह छोटे बच्चों में ज्यादा पाया जाता है। बच्चे संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते है इसलिए उनमें एक्युट ब्रोंकाइटिस होने की संभावना भी ज्यादा होती है। क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस किसी भी उम्र के पुरूषों और महिलाओं को प्रभावित कर सकता है लेकिन यह मध्यम आयु वर्ग के पुरूषों में सबसे अधिक पाया जाता है।

    क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic bronchitis) में उपचार न करने पर यह सीओपीडी (COPD) में बनने वाली सबसे आम परिस्थिति है। इससे फेफड़ों में होने वाले नुकसान को दोबारा ठीक नहीं किया जा सकता। क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस में ब्रोंकियल ट्यूब्स में सूजन आ जाती है और यह सिकुड़ जाती है। इससे फेफड़ों में अधिक बलगम बनने लगता है जो आगे चलकर संकुचित ट्यूबों को ब्लॉक कर सकता है।

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    ब्रोंकाइटिस के लक्षण (Symptoms of Bronchitis)

    ब्रोंकाइटिस होने पर खांसी होने के अलावा और भी लक्षण होते हैं, लेकिन प्रकार के अनुसार इसके लक्षण भी भिन्न-भिन्न होते हैं-

    ब्रोंकाइटिस होने पर किन चीजों से परहेज करनी चाहिए? क्यों होता है ब्रोंकाइटिस? (2)

    एक्युट ब्रोंकाइटिस होने के लक्षण-

    गले में खराश

    -थकान।

    -नाक बंद रहना।

    -बुखार।

    -शरीर में दर्द।

    उल्टी

    क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस होने के लक्षण-

    -खाँसी होना और खाँसते वक्त बलगम बनना।

    -क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस एम्फाइसिमा (Chronic Bronchitis Emphysema) के साथ होता है जो जीर्ण प्रतिरोधी श्वसन संक्रमण (COPD: Chronic obstructive pulmonary disease) बन जाता है। इसमें रोगी की हालत खराब हो जाती है और उसे साँस लेने में कठिनाई और शारीरिक थकावट हो सकती है तथा रोगी को कृत्रिम ऑक्सीजन भी हो सकता है, इसके अलावा खाँसी तीन महीने और अधिक समय के लिए रहती है। वायुमार्ग (Bronchi) में चोट के कारण और अधिक क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस भी हो सकती है।

    -कीटनाशकों और कीटनाशकों के सम्पर्क में ब्रोंकाइटिस की संवेदनशीलता भी बढ़ सकती है।

    -फेफड़ो का परीक्षण, रक्त परीक्षण और छाती का एक्स रे ब्रोंकाटिस का निदान करने के लिए किया जाता है।

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    ब्रोंकाइटिस से बचने के उपाय (Prevention Tips for Bronchitis)

    ब्रोंकाइटिस से बचने के लिए आहार में बदलाव लाने की ज़रूरत होती है-

    -भोजन में साबुन अनाज और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट का इस्तेमाल करें।

    -नट्स में बादाम और अखरोट का सेवन करें।

    -तरल पदार्थ, हर्बल टी और सूप अधिक मात्रा में पिएँ।

    -कच्चे प्याज का सेवन करें, इसमें सूजन कम करने के गुण होते है।

    -फलों में सभी तरह की बेरिज़, पालक और गाजर खाएं। यह एंटी-ऑक्सिडेट्स से भरपूर होते हैं।

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    लहसुन एवं अदरक में प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने की क्षमता होती है इसलिए भोजन में इनका उचित मात्रा में सेवन करें।

    -धूम्रपान इसका प्रमुख कारण है इसलिए इसे सर्वथा त्याग दें।

    -कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का सेवन न करें।

    -वायु में मौजूद उत्तेजक पदार्थों से बचे।

    -दूध एवं दूध से बने पदार्थ (Dairy products) का सेवन न करें।

    -शराब का सेवन न करें।

    ब्रोंकाइटिस के घरेलू उपचार (Home Remedies for Bronchitis)

    ब्रोंकाइटिस से निजात पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से ब्रोंकाइटिस से राहत पाया जा सकता है-

    हल्दी ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद (Turmeric Beneficial for Bronchitis in Hindi)

    ब्रोंकाइटिस होने पर किन चीजों से परहेज करनी चाहिए? क्यों होता है ब्रोंकाइटिस? (3)

    हल्दी में एंटी इंफ्लैमटोरी यानी सूजनरोधी गुण होते है जो कफ की समस्या से निजात दिलाते है और ब्रोंकाइटिस का मुख्य कारण कफ ही होता है। ऐसे में एक गिलास दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी डालकर उबाल लें और इसे दिन में दो बार सुबह और रात को सोने से पहले लें।

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    नमक के पानी से गरारा ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद (Salt Gargle Beneficial for Bronchitis in Hindi)

    ब्रोंकाइटिस के लक्षणों से बचने के लिए दिन में 45 बार नमक के पानी से गरारा करें। एक कप गरम पानी में थोड़ा अदरक, एक चम्मच दालचीनी और दो से तीन लौंग पीसकर मिला लें। इसे अच्छी प्रकार मिलाकर दिन में एक बार पीने से ब्रोंकाइटिस के लक्षणों से आराम मिलता है।

    हर्बल चाय ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद (Herbal Tea Beneficial for Bronchitis in Hindi)

    हर्बल चाय में आधा चम्मच अदरक पाउडर और 23 दाने वाली मिर्च पीस कर उबालें। इसके बाद इसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर पिएँ।

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    नीलगिरी तेल ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद (Eucalyptus Beneficial for Bronchitis in Hindi)

    ब्रोंकाइटिस होने पर किन चीजों से परहेज करनी चाहिए? क्यों होता है ब्रोंकाइटिस? (4)

    -गर्म पानी में नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदो को मिलाकर इससे भाप लें, भाप लेते समय अपने सिर को तौलिये से ढक लें। इससे बलगम निकलने में आसानी होती है।

    -नीलगिरी तेल से छाती पर मालिश करने से कफ निकलने में आसानी होती है और श्वसन प्रणाली में किसी प्रकार की रूकावट नहीं आती।

    तिल के बीज का मिश्रण ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद (Sesame Oil Mixture Beneficial for Bronchitis in Hindi)

    एक चम्मच तिल के बीज, एक चम्मच अलसी के बीज, एक चम्मच शहद और एक चुटकी नमक को एक साथ अच्छी प्रकार मिलाकर खाएँ और गर्म पानी पी लें। इसका प्रयोग रात को सोने से पहले करें।

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    डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)

    एक्युट ब्रोंकाइटिस उचित घरेलु उपचार एवं परहेज से खुद ही ठीक हो जाता है परन्तु यदि खाँसी, बुखार, बदन दर्द, नाक बंद रहना यह लक्षण दो हफ्तों से अधिक दिखाई दें तो तुरन्त ही डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इसके अलावा अधिक बलगम बनना या खाँसते समय खून आना, साँस लेने पर घरघराहट की आवाज यह क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस के लक्षण है। इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर भी तुरन्त डॉक्टर से मिलकर उपचार शुरु करना चाहिए। नहीं तो यह स्थिति गम्भीर होकर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज (Chronic obstructive Pulmonary disease) में परिवर्तित हो सकती है।

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    Author: Edwin Metz

    Last Updated: 04/20/2023

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